अर्जित अवकाश I Earned Leave

उत्तर प्रदेश के स्थायी या अस्थायी दोनो ही प्रकार के सरकारी कर्मचारियों को समान रुप से अर्जित अवकाश (Earned Leave) का प्रावधान है, तथा समान शर्तो के अधीन स्वीकृत किया जाता है । जिसके सम्बन्ध में मूल नियम 81-ख (1) में निम्नलिखित प्रावधान किया गया है ।

earned leave

अर्जित अवकाश नियम I Earned Leave Rules

  1. प्रत्येक कैलेण्डर वर्ष मे दो छमाही किश्तों में 31 दिन का अर्जित अवकाश अग्रिम रुप से जमा किया जाएगा । प्रत्येक कैलेण्डर वर्ष की पहली जनवरी को सोलह दिन (16 Days) का और पहली जुलाई को पन्द्रह दिन (15 Days) का अर्जित अवकाश जमा किया जायेगा ।
  2. वर्ष की पहली छमाही की समाप्ति पर सरकारी सेवक के लेखे में जमा अर्जित अवकाश को अगली छमाही में इस शर्त केअधीन जोड़ दिया जायेगा कि इस प्रकार जोड़ा गया तथा अगली छमाही में जमा अवकाश 180 दिन दिन की अधिकतम सीमा से अधिक न हो । अधिकतम सीमा (300) दिन का हो ।
  3. जब कुल अर्जित अवकाश (300 दिन) हो जाय, तब सरकारी सेवक ऐसा अवकाश अर्जित नही करेगा । यह सीमा पहले 180 दिन दिन थी, जिसे 1 जनवरी, 1987 से बढ़ाया गया है।
  4. उक्त खण्ड (1) तथा (2) के अधीन जमा किये गये अर्जित अवकाश मे से पिछली छमाही के दौरान उपभोग किये गये असधारण अवकाश की अवधि के दसवें भाग तक कम कर दिया जायेगा, जो 15 दिन की अधिकतम सीमा के अधीन हो ।
  5. ऐसे सरकारी सेवक के मामले, जो किसी कारण से किसी विशिष्ट छमाही में सरकारी सेवक न रह जाय, अर्जित अवकाश उसके सेवक न रहने के दिनांक तक प्रत्येक पूर्ण कैलेण्डर मास के लिए ढाई दिन की दर पर जमा किया जायेगा । ऐसे मामलों में उस विशिष्ट छमाही के प्रारम्भ से उसके सरकारी सेवक न रह जाने के दिनांक तक उपभोग किये गये असाधारण अवकाश के कारण कटौती उस विशिष्ट छमाही के लिए उसके अवकाश लेखे में जमा किये गये अर्जित अवकाश से की जाएगी । यदि पहले से उपयोग किया गया अर्जित अवकाश इस प्रकार उसे देय जमा अवकाश से अधिक हो, तो अधिक आहरित किये गये अवकाश वेतन, यदि कोई हो , के सम्बन्ध में आवश्यक समायोजन किया जाएगा ।
  6. अर्जित अवकाश जमा करते समय एक दिन के भाग को निकटतम दिन पर पूर्णांकित कर दिया जाएगा ।
  7. यदि कोई सरकारी सेवक किसी छमाही के अन्तिम दिन को अवकाश पर हो, तो वह कैलेण्डर वर्ष की आगामी छमाही के प्रथम दिन को अपने अवकाश लेखे में जमा किये जाने वाले अर्जित अवकाश का उपभोग इस प्रतिबन्ध के अधीन रहते हुए करने का हकदार होगा कि अवकाश स्वीकृत करने के लिए सक्षम प्राधिकारी को यह विश्वास करने के कारण है कि सरकारी सेवक अवकाश की समाप्ति पर कर्तव्य पर वापस लौट आयेगा ।
  8. सक्षम अधिकारी के अधीनस्त सरकारी सेवक के सम्बन्ध में सक्षम अधिकारी द्वारा जारी किये गये अर्जित अवकाश स्वीकृत करने वाले आदेश में उस समय सम्बन्धित सरकारी सेवक के लेखे मे जमा अर्जित अवकाश का अवशेष दर्शित किया जायेगा ।
  9. मूल नियम 67 और 86 के उपबन्धों के अधीन रहते हुए-
  • अर्जित अवकाश की अधिकतम अवधि, जो उसे एक समय में स्वीकृत की जा सकती है , 120 दिन होगी, यदि वह एशिया में व्यतीत की गयी है ।
  • अर्जित अवकाश 120 दिन से अधिक के लिए स्वीकृत किया जा सकता है, किन्तु 180 दिन से अधिक नही, यदि इस प्रकार स्वीकृत समस्त अवकाश या उसका कोई भाग एशिया के बाहर व्यतीत किया गया हो, किन्तु भारत में व्यतीत किये गये अवकाश की अवधि का सम्पूर्ण योग 120 दिन की सीमा से अधिक नही होगा

शिक्षकों को दीर्घावकाश अनुमन्य होने के कारण मार्च, 1975 तक तीन दिन का अर्जित अवकाश अनुमन्य था । मार्च, 1978 से नय सुत्र तथा नयी आगणन प्रक्रिया के अनुसार शिक्षकों तथा संस्था के प्रधान को एक वर्ष में एक दिन का अर्जित देय है । इसके अतिरिक्त उच्च अधिकारी द्वारा दीर्घावकाश में कार्य करने की अवधि में अर्जित अवकाश भी देय होगा ।

प्रतिबन्ध यह भी है कि दीर्घावकाश में कार्य करने वाले सरकारी सेवक की स्थिति में –

  1. उसे स्वीकृत किये जाने वाले अर्जित अवकाश की अवधि में से कार्य के प्रत्येक वर्ष के, लिए दीर्घावकाश के तीस दिन घटा दिये जायेंगे ।
  2. यदि सरकारी कार्य के कारण वह किसी वर्ष पूरा दीर्घावकश न ले सके, तो उसे स्वीकृत किये जाने योग्य अर्जित अवकाश में से तीन दिन का वह भाग घटा दिया जायेगा, जो उसे अनुपात के बराबर हो, जो अनुपात उपभोग किये गये दीर्घावकाश के भाग का सम्पूर्ण दीर्घावकाश से हो ।
  3. यदि सरकारी कर्मचारी किसी वर्ष दीर्घावकाश न ले, तो स्वीकृत किये जाने वाले अर्जित अवकाश मे कोई कटौती नहीं की जायेगा ।
  4. दीर्घावकाश को किसी प्रकार के अवकाश के साथ मिलाकर या उसके अनुक्रम में लिया जा सकता है, किन्तु प्रतिबन्ध यह है कि संयुक्त रुप से लिया गया दीर्घावकाश तथा अर्जित अवकाश एक समय में स्वीकृत किये जाने योग्य अवकाश से अधिक नही होगा, सिवाय उस दशा के, जबकि अवकाश उच्तर प्राविधिक अर्हताओं के लिए लिया गया हो, और ऐसी स्थिति में अवकाश 270 दिनों तक हो सकता है ।

अस्थायी तथा स्थानापन्न सेवा द्वारा अर्जित अवकाश

अस्थायी तथा स्थापन्न सरकारी सेवकों को भी अर्जित अवकाश की सुविधा उपलब्ध है, जिसके सम्बन्ध में सहायक नियम 157 (क) (1) में प्रावधान किया गया है । इस नियम के अनुसार अस्थायी या स्थानापन्न सेवक अनपी निरन्तर सेवा के प्रारम्भ होने की तिथि से किये गये कार्य अवधि के 1/11 भाग के बराबर अवकाश अर्जित करेगा । लेकिन अवकाश अर्जित करने पर निम्नलिखित प्रतिबन्ध है-

  1. जब उसके द्वारा उपार्जित अवकाश का योग 180 दिन हो जाएगा, तो वह ऐसा अवकाश अर्जित करना बन्द कर देगा ।
  2. मूल नियम 67 ( जिसमें यह प्रावधान है कि अवकाश लेने का दावा अधिकार के रुप में नही किया जा सकता ) तथा 86 (क) (जिसमें यह प्रावधान है कि अनिवार्य सेवानिवृत्ति की तिथि के बाद के बाद कोई अवकाश स्वीकार नहीं किया जा सकता ) के प्रावधानों के अधीन-

  • उसे एक बार अधिक से अधिक 120 दिन की अवधि का अर्जित अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है, यदि वह एशिया में व्यतीत की जाय ।
  • 120 दिनों से अधीक का अर्जित अवकाश, परन्तु 180 दिनों से अधिक नही, उसे तब स्वीकृत किया जाएगा , यदि इस प्रकार स्वीकृत सभी अवकाश या उसका कोई भाग एशिया के बाहर व्यतीत किया जाय, परन्तु भारत में व्यतीत किये गये अवकाश का योग 120 दिनों से अधिक न हो ।

दीर्घावकाश वाले विभाग में कार्यरत सरकारी कर्मचारी के मामले में यह प्रतिबन्ध है कि-

  1. उसको स्वीकार किये जाने योग्य अर्जित अवकाश में प्रतिवर्ष के कर्तव्य के लिए तीस दिन कम कर दिया जाएगा, जिस वर्ष वह सम्पूर्ण दीर्घावकाश का उपयोग करें ।
  2. यदि किसी वर्ष सरकारी कार्य के कारण उसे पूर्ण दीर्घावकाश का उपयोग करने से रोक दिया जाता है, तो उसे स्वीकार किये जाने योग्य अर्जित अवकाश में 30 दिन के उस भाग के बराबर कम कर दिया जाएगा, जो उसे अनुपात के बराबर होगा, जो उपयोग किए गए दीर्घावकाश का पूर्ण दीर्घावकाश के साथ होगा ।
  3. यदि किसी वर्ष यह दीर्घावकाश का उपभोग स्वयं नही करता है, तो उसे स्वीकार किये जाने योग्य अर्जित अवकाश में कोई कटौती नही की जाएगा ।
  4. इस नियमों के अधीन दीर्घावकाश किसी भी प्रकार के अवकाश के संयोजन या क्रम में लिया जा सकता है ।

प्रतिबन्ध यह है कि दीर्घावकाश की सम्पूर्ण अवधि तथा सम्मलित रुप से लिये गये अर्जित अवकाश की अवधि, चाहे अर्जित अवकाश अन्य के संयोजन मे उस क्रम में लिया जाय या नही, इस नियम के उप-नियम (1) के प्रथम प्रतिबन्ध के अधीन उसे एक समय में स्वीकार्य अर्जित अवकाश से अधिक नही होगा, सिवाय उस स्थिति के, जबकि यह उच्च प्राविधिक योग्यता प्राप्त करने के लिए लिया जाय, उस सीमा में इसकी सीमा 270 दिनों से अधिक होगा ।

अर्जित अवकाश अपलीकेशन I Earned Leave Application

उत्तर प्रदेश के सरकारी कर्मचारी. जो अर्जित अवकाश लेना चाहते है, उन्हे नीचे दिये गये फार्म में कर्मचारी का नाम, पदनाम, कार्यालय का नाम, वेतन, अवकाश का कारण, अवकाश किस दिनांक से किस दिनांक तक तथा पिछला बार अवकाश किस दिनांक से किस दिनांक तक एवं अवकाश की प्रकृति को सही-सही फीड करते हुए अंत में आवदेक का हस्ताक्षर दिनांक सहित अंकित करते हुए अपने कार्यालय/ विद्यालय में जमा करना होगा । ध्यान रहे की अर्जित अवकाश स्वीकृत होने तक उपभोग न किया जाय ।

earn leave form

अर्जित अवकाश के लिए आवेदन फार्म डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें – डाउनलोड पीडीएफ

यह भी जाने-

  1. आकस्मिक अवकाश (Casual Leave)
  2. मेडिकल अवकाश (Medical Leave)
  3. मातृत्व अवकाश (Maternity Leave)
  4. असाधारण अवकाश (Extraordinary Leave)
  5. अध्ययन अवकाश (Study Leave)

पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न- अर्जित अवकाश के नियम क्या है ?

उत्तर- अर्जित अवकाश स्थायी एवं अस्थायी सरकारी कर्मचारीयों को समान रुप से एवं समान शर्तो के अधीन स्वीकृत किया जाता है ।

प्रश्न- एक वर्ष में कितने अर्जित अवकाश मिलते है ?

उत्तर- सरकारी कर्मचारियों को एक वर्ष में 31 दिन का अर्जित अवकाश देय है ।

प्रश्न- मुझे अर्जित अवकाश के लिए कब आवेदन करना चाहिए ?

उत्तर- अर्जित अवकाश देय तिथि से कम से कम 7 दिन पहले आवेदन किया जाय ।

1 thought on “अर्जित अवकाश I Earned Leave”

  1. अर्जित अवकाश एक कैलेंडर वर्ष में कितनी बार ले सकते हैं?

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